न्यूज डेस्क: देवरिया जिले में पुलिस ने शराब तस्करी का एक बड़ा मामला उजागर किया है। पुलिस ने दो लग्जरी वाहनों से तस्करी की जा रही 52 पेटी अंग्रेजी शराब बरामद की है, जिसे बिहार ले जाया जा रहा था। जब्त शराब और वाहनों की कुल कीमत लगभग 20 लाख रुपये आंकी गई है। इस मामले में पुलिस ने चार शराब तस्करों को गिरफ्तार कर लिया है।
गिरफ्तार तस्करों से पूछताछ में पुलिस को चौंकाने वाले तथ्य मिले हैं। सलेमपुर के पूर्व ब्लॉक प्रमुख राजेश सिंह मंटू और उनके बेटे के खिलाफ भी इस मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है। तस्करी की जा रही शराब पूर्व ब्लॉक प्रमुख की दुकान की बताई जा रही है।
शराब चोरी की गई लग्जरी गाड़ियों के माध्यम से तस्करी की जा रही थी। इन वाहनों का उपयोग इस अवैध कारोबार को अंजाम देने के लिए किया जा रहा था। पुलिस जांच के दौरान यह बात सामने आई कि यह तस्करी बिहार तक हो रही थी, जहां शराब पर प्रतिबंध है।
पूर्व ब्लॉक प्रमुख राजेश सिंह मंटू और उनके बेटे की गिरफ्तारी के लिए पुलिस कई स्थानों पर छापेमारी कर रही है। पुलिस ने बताया कि दोनों फरार हैं और उनकी तलाश में दबिशें दी जा रही हैं। पुलिस ने इस मामले में एक बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि तस्करी के इस रैकेट में और भी लोगों के शामिल होने की आशंका है।
इस पूरे मामले में आबकारी विभाग के अधिकारियों की निष्क्रियता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि आबकारी विभाग शराब की तस्करी पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है, और यही वजह है कि लाइसेंसी दुकानों से बड़े पैमाने पर बिहार में शराब की तस्करी हो रही है।
पुलिस को शक है कि लाइसेंसी दुकानों से ही यह शराब खरीदी जाती है और फिर चोरी की गाड़ियों के माध्यम से इसे बिहार तक पहुंचाया जाता है। बिहार में शराब बंदी होने के कारण वहां तस्करी के जरिए शराब भेजी जा रही है, जो एक गंभीर मुद्दा बनता जा रहा है।
देवरिया जिले में शराब तस्करी के इस बड़े खुलासे ने प्रशासन और आबकारी विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस अब इस रैकेट में शामिल सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने की कोशिश में जुटी है।