Uttar Pradesh News: एसडीएम दिशा श्रीवास्तव पर कोर्ट के आदेशों की अवहेलना का आरोप, पीड़ित चक्कर काटने को मजबूर



देवरिया: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में जमीन विवादों को जल्द से जल्द सुलझाने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं, लेकिन देवरिया जिले में स्थिति इसके ठीक विपरीत नजर आ रही है। सलेमपुर तहसील के बेहरा डाबर गांव का एक मामला चर्चा में है, जहां एक महिला फरियादी को न्याय के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है।


फरियादी राजपति देवी, पति स्वर्गीय रमाकांत, पिछले कई महीनों से अपनी जमीन के विवाद को लेकर अधिकारियों के पास जा रही हैं। वह सलेमपुर की एसडीएम दिशा श्रीवास्तव से न्याय की उम्मीद लगाए हुए हैं, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी है। राजपति देवी का आरोप है कि एसडीएम दिशा श्रीवास्तव लखनऊ स्थित राजस्व परिषद न्यायालय के आदेशों को नजरअंदाज कर रही हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी जमीन के मामले में कोर्ट से आदेश प्राप्त किया था, लेकिन एसडीएम ने उस आदेश का पालन नहीं किया।


मामला तब और जटिल हो गया जब तहसील के कर्मचारियों द्वारा सरकारी दस्तावेजों में जमीन के नंबर को बदल दिया गया। 489 नंबर की जमीन की जगह पर 488 नंबर की काल्पनिक फीलबुक तैयार कर दी गई। इसके बाद एसडीएम ने पत्थर नसीबी (सीमांकन) का आदेश भी जारी कर दिया, जो कि पूरी तरह से गलत दस्तावेजों के आधार पर किया गया था।


पीड़ित राजपति देवी अब एसडीएम कार्यालय के चक्कर लगाने को मजबूर हैं, लेकिन उन्हें अभी तक कोई राहत नहीं मिल सकी है। उनका कहना है कि जब अदालत से आदेश प्राप्त हुआ है, तो फिर अधिकारी उस पर अमल क्यों नहीं कर रहे हैं?


पीड़ित प्रियांशु विश्वकर्मा का बयान:

"हमारे पास जमीन के सही दस्तावेज और कोर्ट का आदेश होने के बावजूद, एसडीएम दिशा श्रीवास्तव ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। तहसील के कर्मचारियों ने जमीन के नंबरों में गड़बड़ी कर दी है, और गलत दस्तावेज तैयार किए गए हैं। हम न्याय की आस में हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।"


यह मामला प्रशासनिक लापरवाही का एक और उदाहरण है, जहां सरकारी आदेशों का पालन न करने और जमीन विवादों के निराकरण में देरी की वजह से लोगों को अनावश्यक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।